माचू पिच्चू (क्वेशुआ: Machu Pikchu, 'पुरानी चोटी") दक्षिण अमेरिकी देश पेरू मे स्थित एक कोलम्बस-पूर्व युग, इंका सभ्यता से संबंधित ऐतिहासिक स्थल है। यह समुद्र तल से 2,430 मीटर की ऊँचाई पर उरुबाम्बा घाटी, जिसमे से उरुबाम्बा नदी बहती है, के ऊपर एक पहाड़ पर स्थित है। यह कुज़्को से 80 किलोमीटर (50 मील) उत्तर पश्चिम में स्थित है। इसे अक्सर “इंकाओं का खोया शहर “ भी कहा जाता है। माचू पिच्चू इंका साम्राज्य के सबसे परिचित प्रतीकों में से एक है। 7 जुलाई 2007 को घोषित विश्व के सात नए आश्चर्यों में माचू पिच्चू भी एक है।

1430 ई. के आसपास इंकाओं ने इसका निर्माण अपने शासकों के आधिकारिक स्थल के रूप में शुरू किया था, लेकिन इसके लगभग सौ साल बाद, जब इंकाओं पर स्पेनियों ने विजय प्राप्त कर ली तो इसे यूँ ही छोड़ दिया गया। हालांकि स्थानीय लोग इसे शुरु से जानते थे पर सारे विश्व को इससे परिचित कराने का श्रेय हीरम बिंघम को जाता है जो एक अमेरिकी इतिहासकार थे और उन्होने इसकी खोज 1911 में की थी, तब से माचू पिच्चू एक महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण बन गया है।

माचू पिच्चू को 1981 में पेरू का एक ऐतिहासि...आगे पढ़ें

माचू पिच्चू (क्वेशुआ: Machu Pikchu, 'पुरानी चोटी") दक्षिण अमेरिकी देश पेरू मे स्थित एक कोलम्बस-पूर्व युग, इंका सभ्यता से संबंधित ऐतिहासिक स्थल है। यह समुद्र तल से 2,430 मीटर की ऊँचाई पर उरुबाम्बा घाटी, जिसमे से उरुबाम्बा नदी बहती है, के ऊपर एक पहाड़ पर स्थित है। यह कुज़्को से 80 किलोमीटर (50 मील) उत्तर पश्चिम में स्थित है। इसे अक्सर “इंकाओं का खोया शहर “ भी कहा जाता है। माचू पिच्चू इंका साम्राज्य के सबसे परिचित प्रतीकों में से एक है। 7 जुलाई 2007 को घोषित विश्व के सात नए आश्चर्यों में माचू पिच्चू भी एक है।

1430 ई. के आसपास इंकाओं ने इसका निर्माण अपने शासकों के आधिकारिक स्थल के रूप में शुरू किया था, लेकिन इसके लगभग सौ साल बाद, जब इंकाओं पर स्पेनियों ने विजय प्राप्त कर ली तो इसे यूँ ही छोड़ दिया गया। हालांकि स्थानीय लोग इसे शुरु से जानते थे पर सारे विश्व को इससे परिचित कराने का श्रेय हीरम बिंघम को जाता है जो एक अमेरिकी इतिहासकार थे और उन्होने इसकी खोज 1911 में की थी, तब से माचू पिच्चू एक महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण बन गया है।

माचू पिच्चू को 1981 में पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय घोषित किया गया और 1983 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की दर्जा दिया गया। क्योंकि इसे स्पेनियों ने इंकाओं पर विजय प्राप्त करने के बाद भी नहीं लूटा था, इसलिए इस स्थल का एक सांस्कृतिक स्थल के रूप में विशेष महत्व है और इसे एक पवित्र स्थान भी माना जाता है।

माचू पिच्चू को इंकाओं की पुरातन शैली में बनाया था जिसमें पॉलिश किये हुए पत्थरों का प्रयोग हुआ था। इसके प्राथमिक भवनों में इंतीहुआताना (सूर्य का मंदिर) और तीन खिड़कियों वाला कक्ष प्रमुख हैं। पुरातत्वविदों के अनुसार यह भवन माचू पिच्चू के पवित्र जिले में स्थित हैं। सितम्बर 2007, पेरू और येल विश्वविद्यालय के बीच एक सहमति बनी की वो सभी शिल्प जो हीरम बिंघम माचू पिच्चू की खोज के बाद अपने साथ ले गये थे वो पेरू को लौटा दिये जायेंगे।

Photographies by:
Martin St-Amant (S23678) - CC BY 3.0
No machine-readable author provided. Xauxa assumed (based on copyright claims). - CC BY-SA 3.0
Diespas - Public domain
Statistics: Position
16
Statistics: Rank
3347421

नई टिप्पणी जोड़ें

CAPTCHA
Security
782913645Click/tap this sequence: 4392
Esta pregunta es para comprobar si usted es un visitante humano y prevenir envíos de spam automatizado.

Google street view

Where can you sleep near माचू पिच्चू ?

Booking.com
507.351 visits in total, 9.227 Points of interest, 405 Destinations, 1.998 visits today.