ओरोविल (Auroville) भारत में पुडुचेरी के समीप तमिल नाडु राज्य के विलुप्पुरम ज़िले में स्थित एक प्रायोगिक नगरी है। इसकी स्थापना 1968 में मीरा रिचर्ड (भारत में निश्चित तौर पर बस जाने के बाद उन्हें "मां" कहा जाने लगा) ने की तथा इसकी रूपरेखा वास्तुकार रोजर ऐंगर ने तैयार की थी। ओरोविल का तात्पर्य एक ऐसी वैश्विक नगरी से है, जहां सभी देशों के स्त्री-पुरुष सभी जातियों, राजनीति तथा सभी राष्ट्रीयता से ऊपर उठकर शांति एवं प्रगतिशील सद्भावना की छांव में रह सकें। ओरोविल का उद्देश्य मानवीय एकता की अनुभूति करना है।
ओरोविल की स्थापना श्री ऑरोबिन्दो सोसाइटी की एक परियोजना के रूप में बुधवार 28 फ़रवरी 1968 को "मां" मीरा अल्फासा द्वारा की गयी। वे श्री अरविन्द घोष की बराबर की आध्यात्मिक सहयोगी थी, जिनका मानना था कि "मनुष्य एक परिवर्ती जीव है"। मां की अपेक्षा थी कि यह प्रायोगिक "वैश्विक नगरी सद्भावनापूर्ण और एक बेहतर दुनिया की आकांक्षा वाले लोगों को एकजुट करते हुए शानदार भविष्य की ओर मानवता के विकास" में महत्वपूर्ण योगदान करेगी। मां का यह भी मानना था कि ऐसी एक वैश्विक नगरी भारतीय पुनर्जागरण में निर्णायक योगदान देगी (सन्दर्भ मदर्स एजेंडा, Vol.9, दिनांक-3.02.68)। भारत सरकार ने इस नगरी का समर्थन किया और 1966 में युनेस्को ने भी सदस्य देशों को ओरोविल के विकास में योगदान देने का आह्वान करते हुए इसका समर्थन किया। पिछले 40 वर्षों की अवधि में युनेस्को ने ओरोविल को और चार बार समर्थन दिया।
28 फ़रवरी 1968 को आयोजित उद्घाटन समारोह में, जिसमें 124 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, मां ने अपने एकीकृत जीवन-दर्शन को स्थापित करते हुए ओरोविल को इसका चार-सूत्रीय घोषणापत्र दिया.
ओरोविल किसी व्यक्ति विशेष का नहीं है। ओरोविल समग्र रूप से पूरी मानवता का है। लेकिन ओरोविल में रहने के लिए व्यक्ति को दिव्य चेतना की सेवा के लिए तत्पर होना चाहिए. ओरोविल सतत शिक्षा, निरंतर प्रगति और सनातन यौवन का स्थान होगा. ओरोविल भूत और भविष्य के बीच का पुल बनने का आकांक्षी है। वाह्य और भीतरी सभी प्रकार के आविष्कारों का लाभ उठाते हुए ओरोविल भविष्य की अनुभूतियों की तरफ निर्भीकता से आगे बढ़ेगा. ओरोविल एक वास्तविक मानवीय एकता के जीवरूप शरीर के लिए भौतिक और अध्यात्मिक अनुसंधान का स्थान होगा.मां ने बारम्बार ओरोविल के भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन आ जाने के खतरे के बारे में आगाह किया, जो अंततः ओरोविल के निवासियों और श्री ओरोबिन्दो सोसाइटी के बीच लम्बे समय तक चले संघर्ष के उपरान्त कुछ वर्षों बाद उनके देहावसान के उपरान्त सच हुआ।
ओरोविल का सौर बॉल एक गतिशील रिसीवर में भोजन पकाने के लिए भाप पैदा करने हेतु सूर्य किरण पर एकाग्र रहता है।
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