青海湖
( चिंगहई झील )चिंगहई झील (चीनी भाषा: 青海湖, Qinghai), कोको नूर या कूकूनोर (मंगोल: Кукунор, Koko Nur) चीन के चिंगहई प्रान्त में स्थित एक खारे पानी की झील है जो चीन की सबसे बड़ी झील भी है। मंगोल भाषा में 'कोको नूर' का मतलब 'नीली झील' होता है और चीनी भाषा में 'चिंग हई' का अर्थ भी यही है, हालांकि इस झील का मूल नाम मंगोल-भाषा वाला ही था। चिंगहई झील चिंगहई की राजधानी शिनिंग से १०० किमी पश्चिम में तिब्बत के पठार पर ३,२०५ मीटर (१०,५१५ फ़ुट) की ऊँचाई पर एक द्रोणी में स्थित है। तिब्बती लोग इस क्षेत्र को आमदो (ཨ༌མདོ, Amdo) बुलाते हैं।
२३ नदियाँ और झरने अपना पानी इस झील में ख़ाली करते हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर मौसमी हैं (यानि इनमें पानी साल के केवल कुछ महीनों ही रहता है)। झील का अकार बीसवीं सदी में घटता रहता था लेकिन सन् २००४ के बाद से बढ़ा है। २००४ में इसका क्षेत्रफल ४,१८६ किमी२ था जो २००७ में फैलकर ४,४८९ किमी२ हो गया। तीर्थयात्री कभी-कभी इस झील की परिक्रमा करते हैं, जिसमें घोड़े पर ८ से १८ दिन और पैदल १५ से २३ दिन ...आगे पढ़ें
चिंगहई झील (चीनी भाषा: 青海湖, Qinghai), कोको नूर या कूकूनोर (मंगोल: Кукунор, Koko Nur) चीन के चिंगहई प्रान्त में स्थित एक खारे पानी की झील है जो चीन की सबसे बड़ी झील भी है। मंगोल भाषा में 'कोको नूर' का मतलब 'नीली झील' होता है और चीनी भाषा में 'चिंग हई' का अर्थ भी यही है, हालांकि इस झील का मूल नाम मंगोल-भाषा वाला ही था। चिंगहई झील चिंगहई की राजधानी शिनिंग से १०० किमी पश्चिम में तिब्बत के पठार पर ३,२०५ मीटर (१०,५१५ फ़ुट) की ऊँचाई पर एक द्रोणी में स्थित है। तिब्बती लोग इस क्षेत्र को आमदो (ཨ༌མདོ, Amdo) बुलाते हैं।
२३ नदियाँ और झरने अपना पानी इस झील में ख़ाली करते हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर मौसमी हैं (यानि इनमें पानी साल के केवल कुछ महीनों ही रहता है)। झील का अकार बीसवीं सदी में घटता रहता था लेकिन सन् २००४ के बाद से बढ़ा है। २००४ में इसका क्षेत्रफल ४,१८६ किमी२ था जो २००७ में फैलकर ४,४८९ किमी२ हो गया। तीर्थयात्री कभी-कभी इस झील की परिक्रमा करते हैं, जिसमें घोड़े पर ८ से १८ दिन और पैदल १५ से २३ दिन लग जाते हैं।
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